शनिवार, 16 अप्रैल 2016

चैत्र नही बल्कि चित्रमास : व्योमेश चित्रवंश की डायरी, 16 अप्रैल 2016, शनिवार

16अप्रैल 2016, शनिवार
चैत्र नही बल्कि चित्रमास

यह मास चित्रमास है जो अपभ्रंश होकर चैत्रमास हो गया है| यह मास चित्रगुप्तजी के नाम से है| इसी चित्रमास के पूर्णिमा को चित्र (चित्रा) नक्षत्र में ब्रह्माजी जी द्वारा 11000 साल की तपस्या करने के उपरांत उनकी काया से श्री चित्रगुप्तजी भगवान मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में उज्जैन की क्षिप्रा नदी के तट पर प्रकट हुए थे| उज्जैन में ही काफी पौराणिक चित्रगुप्त मंदिर भी है, जहाँ प्रसाद के रूप में कलम, दवात चढ़ाया जाता है जिससे प्रसन्न होकर श्री चित्रगुप्त भगवान अपने भक्तो को मनवांछित फल प्रदान करते है| साथ ही कायस्थ के चार तीर्थो में उज्जैनी नगरी में बसा श्री चित्रगुप्त भगवान का ये मंदिर पहले नंबर पर आता है|

"""""चित्रमास की पूर्णिमा चित्र पूर्णिमा अर्थात् चित्रगुप्त पूर्णिमा कही जाती है|"""""

चित्रगुप्त पूर्णिमा से ही उज्जैन में महाकुम्भ प्रारम्भ हो रहा है| कांचीपुरम् चेन्नई में चित्रगुप्तजी का प्राचीन मंदिर है| पूरे दक्षिण भारत में 21 अप्रैल चित्र पूर्णिमा के दिन को चित्रगुप्तजी का प्रकटोत्सव के रूप में मनाया जाता है और चित्र पूर्णिमा से वैशाख पूर्णिमा तक यम नियम का पालन किया जाता है| इस मास में केतु ग्रह की शान्ति करायी जाती है क्योंकि केतु ग्रह के अधिदेवता चित्रगुप्तजी हैं| इस पूरे मास को चित्रगुप्तजी के नाम से ही चितरई मास कहा जाता है|

कोई टिप्पणी नहीं: