शुक्रवार, 24 मार्च 2017

बनारस की बेपटरी यातायात व्यवस्था : व्योमेश चित्रवंश की डायरी, 23 मार्च 201


             आज शाम मध्य शहर जाना हुआ. स्पष्ट करता चलूँ कि हम बनारस के वरूणापार के लोग जब लहुराबीर चौक गोदौलिया क्षेत्र मे जाते है तो कोई निहायत ही जरूरी काम होने पर,  नही तो हम लोगो के लिये पक्का महाल व मध्य बनारस वैसे ही हो गया है जैसे जंगल से आये भकुआये अचकचाये जन्तू के लिये बिना पेड़ पौधे वाला धूऑ उड़ाता, भागाभागी के बीच कंक्रीट का अजायबघर.
शहर वालों की सोच  अलग हो सकती है क्योंकि उनके नजर मे हम वरूणापार के लोग प्रधानमन्त्री मोदी के संसदीय क्षेत्र मे रहते हुये भी जंगल व गॉव के लोग है.
अपना अपना नज़रिया.
बहरहाल बात आज शाम की, गोदौलिया से लहुराबीर की ओर बढ़ा ही था कि भयंकर जाम. जाम भी ऐसा जो 50 मीटर आगे खाली दिख रहा था. कारण पता चला कि दो बैटरी चलित आटोरिक्सा वालों मे सवारी को लेकर कुछ टनन मनन हो गया है और वे एक दूसरे से आगे बढ़ने के डौड़ ने सबका आगे बढ़ना रोक दिये है. जब से मोदी जी ने बनारस मे बैटरी चलित कुछ रिक्से क्या बॉटे, दिन दूने रात चौगुने की स्पीड से बैटरी वाले रिक्से की संख्या बढ़ गई और उसकी दूगुनी स्पीड से बनारस मे जाम बढ़ गया. बिना परमिट के बिना ड्राइविंग लाइसेंस के जिस धाकड़पने से बैटरी रिक्सा वाले शहर के प्रतिबन्धित इलाको मे बिना किसी नियम कानून के चल रहे है उनसे आप खुद को बचाना चाहे तो बचाये आप को लगने वाले चोट चपेट से उन्हें कोई फर्क नही पड़ने वाला.
थोड़ी सी और आगे जाने पर कई दशकों से गंगा सफाई के नाम पर शाही नाले के नाम पर सड़क के बीचोबीच डिवाईडर से लगा कर मोटी मोटी पाईपो से सड़क का छ: से सात फीट घेर लिया गया है. बची हुई सड़क पर मोमोज, चाट से लेकर रिकिम रिकिम की दुकानो ने आधा घेर लिया. बाकी बची सड़क  पर खड़ी बेतरीब कारें व मोटरसाइकिल इस बात की जीवन्त प्रमाण है कि उन्होने वाहन पंजीकरण के समय जमा किये गये रोडटैक्स का भरपूर उपयोग करना सीख लिया है. जाम मे उलझा ही था कि मोबाइल ने घंटी मारना शुरू कर दिया, यह मोबाइल भी अक्सर गलत समय ही घंटी मारता है,  योगी जी के एण्टी रोमियो स्क्वायड के माफिक.
तभी बिना मोटरसाइकिल के हेलमेट पहने एक सिपाही जी सड़क पर लगी पटरिया दुकानदारों से प्रति दुकान 100/- लेते दिखे.  आश्चर्य हुआ कि जब पूरा पुलिस अमला डीजीपी लगायत दिवान तक टीवी कैमरे के साथ घूम घूम कर शेहदे पकड़ कर नाम कर रहे है तो ये यहॉ पर वसूली कर रहा है, जबाब पता चल गया है कि यह सड़क पर दुकान लगाने का रोजही लाईसेंस शुल्क है जुसके बदले केवल जुबाानी अनुमति पत्र है.
हम बनारस मे हर साल सुनते है कि सड़क पर अतिक्रमण होने पर जिम्मेदारी व जबाबदेही संबधित थाना प्रमुख होगे पर इतने वर्षों से हमने अतिक्रमण के लिये कभी किसी थाना प्रमुख को जिम्मेदार होते व उसके विरूद्घ कार्यवाही होते भी नही देखा.
कुल 4 किमी की दूरी  बाईक से 1घंटे 40 मिनट मे तय कर घर पहुँचने के बाद सोच रहा हूँ कि शहर मे जाकर गलती किया या शहर मे रह कर ..........
(बनारस, 23 मार्च 2017, गुरूवार)