शनिवार, 13 जुलाई 2013

अतिक्रमण के बोझ से पीड़ित पंचकोसी सड़क.......(शिवपुर से पाण्डेपुर तक)



पंचकोसी रोड तरना के पास शहर में प्रवेश करती है. 

-जमुना सेवा सदन से भारतीय शिशु मन्दिर तक सड़क का एक सिरा किसी न किसी तरह प्राईवेट सम्पत्ति के रूप मे उपयोग किया जा रहा है. अतिक्रमणकर्ता हास्पिटल से लगायत थाना शिवपुर ,गैस एजेन्सी विद्यालय मन्दिर के पुजारी तक है यह अलग बात है कि भीड़भाड़ वाली जगह न होने के कारण शिकायत कम ही लोगो को है.

- शिवपुर बाजार मे घुसते ही पंचकोसी की सड़क कही खो जाती है दुकानो के बाहर रखे सामानों के नीचे कहीं ढूढ़ना पड़ता है.

- लालजी कुँआ से लेकर बाईपास मोड़ तक बेचारी सड़क कहीं गली ते कहीं आँगन का बोध कराती है उस पर से ठेले वाले और बाईपास ठीके के मदिरा प्रेमी साल के ११ महीने इसका (दुर) उपयोग घर के पिछवाड़े की तरह करते हैं.

-बाईपास मोड़ (लोकनायक जय प्रकाश पार्क) के निकट पंचकोसी मार्ग का प्रयोग एक प्राईवेट नामी स्कूल के बसों के पार्किंग के लिये होता है.

- बाईपास मोड़ से यू पी कालेज के बीच पंचकोसी रोड की खूब बंदरबाट हुयी. गिलट बाजार यादव बस्ती तो अपने उत्तर २ से ४ फीट ही खिसकी परन्तु शिव मंदिर से पूरब बढ़ने पर राजर्षि नगर के वासिन्दों ने इसका उपयोग अपनी फूलवारी और बागवानी के लिये करना शुरू कर दिया है. नवरचना स्कूल से पूरब बढते हुये मकानों की बढ़ती नई बाउण्ड्रीयॉ अतिक्रमण की उपनिवेशिक परिभाषा बताती है.

-राजर्षि नगर कालोनी और भोजूबीर के बीच ही पूर्व सभासद के घर के पास ही हाल के वर्षों से एक नया मंन्दिर विकसित किया जा रहा है. पंचकोसी रोड के उत्तर के स्थान का अतिक्रमण कर के निर्मित हो रहा यह मन्दिर यातायात मे भले अवरोध वने पर अपने खास भक्तो को तो फ्री मे कीमती जमीन दिला ही देगा.

-भोजूबीर चौराहे पर आढ़तियों के ठेले और पूर्वी हिस्से मे बीयर शाप, चाट की दुकाने , आटो गैरेज और अवैध आटो स्टैण्ड के चलते हरदम लगता है जाम.

- जरा सा आगे बढते ही सत्ती माई ने किया कब्जा. - आठ साल पहले तक ग्रामदेवी सत्ती मॉ का ६*६ का चबूतरा सड़क के एक किनारे लोगो के लिये शक्तिदायी व पूजनीय था. रातोरात वह चबूतरा मंन्दिर मे कैसे और किसके द्वारा बदला ? यह विवेचना का विषय है, हॉ मन्दिर बनने का लाभ पड़ोसी गण को यह मिला कि उनके उपयोग के लिए काफी जमीने मिल गयी.

-डा० आर जे सिंह के ठीक सामने दूसरी पटरी पर शुरू होती है टैगोर टाऊन कालोनी. बड़े लोगों की कालोनी कही जाती है यह. कालोनी के उत्तरवासियों को ५० -६० फीट चौड़ी पंचकोसी सड़क बेमतलब लगी तो उन लोगों ने उसका (सही?) उपयोग अपने घरों की चाहरदिवारी मे मिला कर किया.
मजा यह है कि ये सभी लोग जिम्मेदार पढ़े लिखे कानून से वाकिफ लोग है जो बड़े सरकारी पदों पर है या सेवामुक्त है.

-कमोबेश भुवनेश्वर नगर की भी हालत ऐसी ही है.

- महाबीर मंन्दिर पर तो सड़क १२-१५ फीट भी बमुश्किल बच पाती है. मंगल व शनिवार को यहॉ जाम लगना स्वाभाविक पहचान बन चुका है. जबकि यहीं पर लोक लेखा समिति के अध्यक्ष व वाराणसी के सांसद डॉ०जोशी का घर है.
पहले यहॉ ऐसा नही था. महावीर जी का मन्दिर सड़क छोड़ कर लाल बरामदे से शुरू होता था तो सामने वाला कस्तूरबा विद्यालय भी अपने मुख्य भवन के गेट से. राजनेताओं के गुरूत्व के प्रभाववश मंन्दिर अपने स्थान से १० फीट आगे बढ़ा तो सामने विद्यालय भी बढ़ चला. इन दोनो के होड़ मे पिस के रह गयी सड़क. पास पड़ोस वाले भी लाभ मे रहे. परिणामत: आज ३ बैंक एटीएम , ३मिठाई की दुकानें, एक नर्सिग होम. ३ मोबाईल शाप स्थायी रूप से सड़क पर काबिज है. शेष बची सड़क पर फल ,मालाफूल और फुटकर दुकाने यातायात को दुरूह बनाने के लिये पर्याप्त हैं.

महावीर मंन्दिर से पूरब बढ़ने पर हालत अभी नियंत्रण मे है पर कब तक कहना मुश्किल है
क्योंकि इधर की खुली पंचक्रोसी रोड पर स्थानीय लोगों की निगाहे पड़ चुकी है. पागलखाना मोड़ के पहले एक ढाबे से यह शुरूआत कहॉ जा कर रूकेगी? दीनदयाल हास्पिटल की पटरी पर दो चार ढीहे और मन्दिर बना कर अतिक्रमण की कोशिसें जारी है.

बैंक कालोनी मोड़ से पाण्डेपुर तक भी अतिक्रमण के चलते सड़क दुबली दिखती है़

क्या प्रशासन अपनी ईच्छाशक्ति से पंचक्रोसी रोड को मुक्त करा सकेगा? यह यक्ष प्रश्न ज्यों का त्यों है..........

वरूणापार के अतिक्रम

कुछ दिन पहले वाराणसी पुलिस ने अपने फेसबुक पर अतिक्रमण से सम्बन्धित सूचनायें देने का आग्रह किया था. वरूणापार के अतिक्रमण पर हम भी कुछ जानकारी उपलब्ध करा रहे है इस उम्मीद के साथ कि बिना किसी भेदभाव व राजनीति के संभवत: ये स्थान मुक्त हो सकेगें.
- गिलट बाजार पुलिस चौकी - १०*१० में बने चौकी के बाहर पुलिस द्वारा लगभग आधी सड़क पर अतिक्रमण.

-भोजूबीर चौराहा - विशाल मेगामार्ट, स्पेंसर , ३ बड़े नर्सिंग होम, ६ डाक्टर , १ बेकर्स और टैम्पो स्टैण्ड के चलते हमेसा जाम.
जबकि विशाल और नर्सिंग होम के अपने पार्किंग होने के बावजूद उनका उपयोग नही.

-कचहरी गोलघर चौराहा- पुलिस चौकी कचहरी द्वारा आधे से अधिक चौराहे का अतिक्रमण.

- स्टेट बैंक मुख्य शाखा के सामने - दोनो पटरियों पर अवैध ठेले वाले, साइकिल स्टैण्ड वालों का अतिक्रमण.
नगर निगम का बस स्टैण्ड भी फल की दुकानों के गिरफ्त में

- वरूणापुल- जालान द्वारा कब्जा,अम्बेदकर मूर्ति के तीन तरफ स्टैण्ड.
शास्त्री घाट को भी स्टैण्ड बनाया जालान ने.

-अर्दली बाजार - पूरे मार्केट मे कही भी पार्किग नही. अवैध वेण्डरों और सड़कों पर पार्किग के चलते शाम को निकलने की स्थिति नही.

एल टी तिराहा- राजकीय पुस्तकालय के पूर्व पुस्तकालयाध्यक्ष द्वारा पुस्तकालय भवन और सड़क को मिला कर कटरा. तीन बड़ी दुकानो द्वारा अतिक्रमण से सड़क हुई सकरी.

(पंचकोसी रोड के बारे मे कल....)