सोमवार, 17 अप्रैल 2017

मानवाधिकार के रहनुमाओं कहॉ हो? व्योमेश चित्रवंश की डायरी, 17 अप्रैल 2017, सोमवार )

मानवाधिकार के रहनुमाओं कहॉ हो? व्योमेश चित्रवंश की डायरी, 17 अप्रैल 2017, सोमवार )

     I am eagerly waiting for a candle light march from JNU students union in support of Kulbhushan Jadhav who has got stuck in lawless Pakistan.

I am also expecting Kanhaiya Kumar to come out and shout slogan for "Azadi" of Kulbhushan Jadhav.

I AM also waiting for all those politicians and journalists who were in the forefront not so long ago...

Also waiting for the greatest political pimps like Kejrival, shasi and prashant bhushan, Garibon ka case free me लड़ने वाला Jethmalani.

The list is long from Kanhaiya at one end to Barkha dutt at another.

आज वो आजादी-आजादी चिल्लाने वाले भाड़े के छात्र नज़र नहीं आ रहे जब एक बेकसूर को सच में आजादी दिलानी है .

अभी में बैठा बैठा सर्च  रहा था कि पाकिस्तान में भी कोई प्रशांत भूषण, केजरीवाल हैं क्या जो कुलभूषण जाधव के लिए रात के 3 बजे पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट खुलवा दें...

रिज़ल्ट आया "नहीं भाई ऐसे हरामखोर और राष्ट्र द्रोही सिर्फ भारत में ही रहते है.......

क्यों न उन 21 वकील को उठाकर लाहौर फेंक दिया जाए जो कसाब के लिए आधी रात को 2:00 बजे सुप्रीम कोर्ट खुलवाने गए थे ताकि वो कुलभूषण का केस लड़ सके और मानवता को बचा सके।

कहाँ गया तुम्हारा फवाद
कहाँ गया राहत फ़तेह अली खान
कहाँ गयी अमन की आशा
क्या उन सफ़ेद कबूतरों के टिक्के बना के खा लिए तुमने..

याकूब मेनन की सज़ा रोकने के लिए दया याचिका में हस्ताक्षर करने वाले उन देशद्रोही_कुत्तों को बता दूँ, पाकिस्तान में कुलभूषण के लिए किसी ने दया याचिका दायर नहीं की है...

और कहाँ गयी वो लड़की जो कहती थी कि "pakistan did not kill my dad, the war did"

अजीब है। अब कोई नहीं बोलेगा...
ज़ावेद अख्तर भी चुप है अब तो...
कहॉ हो मानवाधिकार के रहनुमाओं? कुछ तो बोलो?
(इलाहाबाद, 17 अप्रैल 2017, सोमवार)
http://chitravansh.blogspot.in

रविवार, 16 अप्रैल 2017