(आज हमारे वाट्स एप्प पर हमारेमनीष भाई का एक संदेश मिला । डॉ० मनीष श्रीवास्तव एक बड़े सरकारी उपक्रम मे अधिकारी है और सामयिक सामाजिक मुद्दो पर गहरी पकड़ रखते है।हमे यह शोध व्यंग्य अच्छा लगा तो शेयर कर रहा हूँ।)
चूहा एक सामाजिक प्राणी होता है । इनका एक पूरा समुदाय होता है और ये भी मधु मक्खियों की तरह एक पूर्णतया विकसित समाज में रहते हैं जिसमे survival का मूल मन्त्र परस्पर सहयोग होता है । सब चूहे मिल के जमीन के नीचे एक colony बनाते हैं । उसमे बाकायदा घर बने होते हैं । माँ और बच्चों के कक्ष अलग होते हैं । एक अन्नागार होता है जहां एक जगह 5 से 10 kg तक गेहूं तक एकत्र कर लेते हैं चूहे । colony में घुसने और निकलने के बीसियों रास्ते होते हैं ।
मुसहर समुदाय इन चूहों को पकड़ने मारने में बड़ा expert होता है ।
सबसे पहले कोई सयाना आदमी चूहों के बिल देख के अनुमान लगाता है कि कितनी बड़ी colony है । कितने चूहे होंगे और इस colony में कितना अनाज मिलेगा ।
उसके बाद कवायद शुरू होती है बिल खोज खोज के उनका मुह बंद करने की । कोई पुराना कपड़ा या सनई ठूंस के बिल का मुह बंद कर देते हैं । फिर किसी एक बिल में बाल्टियों से पानी भरना शुरू करते हैं । इसे आप flooding method कह सकते हैं । चूहे जब डूबने लगते हैं तो बिलों से निकल के बाहर भागते हैं । अब शिकारी का कौशल ये कि सभी बिल खोज के निकल भागने के सारे रास्ते बंद कर दे और सिर्फ दो बिल खुले छोड़े । एक पानी भरने को और दूसरा निकल के भागने का रास्ता । बस उसी बिल के पास सब मुसहर पतली पतली डंडियाँ ले के खड़े रहते है । चूहा निकला और य्य्य्ये मारा ........ एक आध चूहा निकल के भाग लेता है ....... उसे दो तीन लौंडे दौड़ा के घेर के मार लेते हैं । दौड़ा के मारने का मज़ा अलग ही आता है ।
उसके बाद कवायद शुरू होती है उन बिलों को खोदने की । मुसहर समुदाय एक colony से 10 - 20 किलो तक गेहूं एकत्र कर लेता हैं । इसके अलावा अगर ठीक ठाक colony हो तो 15 - 20 तक चूहे मार लेते हैं जिनमे कई चूहे तो आधा आधा किलो तक के होते हैं । जी हाँ ....... चूहों के शिकार में छोटी चुहिया पे focus नहीं होता । वो तो यूँ ही हल्ले गुल्ले में और पानी में डूब के या फिर खुदाई में मर जाती हैं । शिकारी की निगाह मोटे ताजे चूहे जिन्हें " घूस " कहा जाता है , उनपे होती है । ऐसे खेत जहां पानी दूर हो वहाँ मुसहर एक अलग तकनीक इस्तेमाल करते हैं जिसे आप smoking कह सकते हैं । किसी एक बिल के पास आग जला के पूरी colony को धुएँ से भर देते हैं । चूहे धुंए के कारण दम घुटने के कारण बाहर भागते हैं और मारे जाते है ।
flooding method में अनाज भीग जाता है जिसे फिर बाद में धो के सुखाना पड़ता है । smoking में अनाज सूखा और सुरक्षित निकल आता है ।
मोदी भी यूँ समझ लीजे कि मुसहर बने चूहे ही मार रहे हैं । उनका focus मोटे चूहों पे है । ये जो लाख दो लाख या फिर 10 - 20 - 50 लाख या 2 - 4 करोड़ हेरा फेरी कर के या लोगों को बैंक की लाइन में खडा करके exchange करा रहे या वो जो बैंक मेनेजर से मिली भगत कर 2 - 4 करोड़ काले को सफ़ेद कर रहे ये तो छोटी चुहिया हैं।
असली शिकार तो मोटे चूहों का होगा । उनको दौड़ा के मारने में मज़ा आयेगा ।।
ये जो सरकार रोज़ रोज़ नियम बदल रही है न ....... ये तो चूहे बिल्ली का खेल है ....... सरकार खोज खोज के बिल बंद कर रही है ........ कहाँ से भागोगे बेटा ??????
31 दिसंबर के बाद देखना ........ जब तहखानों से 50 - 100 करोड़ और 1000 करोड़ या 5 - 10 हज़ार करोड़ वाले चूहे निकलेंगे ........
डंडा ले के तैयार रहिये ।
(बनारस, 25 नवंबर 2016, शुक्रवार)
http:// chitravansh.blogspot.in