मंगलवार, 22 नवंबर 2016

जयंती जैन की "तनाव छोड़ो सफलता पाओ" के जिक्र में : व्योमेश चित्रवंश की डायरी, 21नवंबर 2016, सोमवार

हाल मे ही एक मित्र ने जयंती जैन की लिखी पुस्तक तनाव छोड़ो सफलता पाओ पढ़ने के लिये सुझाव दिया। प्रेमचंद पुस्तकालय मे दिखी तो राजीव से मॉग लाया। हिन्दी मे तनाव प्रंबन्धन पर एक सरल व सहज पुस्तक लिथा है जयंती ने।जेएनयू मे पढ़े जयंती राजस्थान सरकार मे वाणिज्यिक कर उपायुक्त है और नौकरी के साथ साथ शौकिया लेखन करते है साथ ही साथ वे तपोवन आश्रम  उदयपुर मे समग्र स्वास्थ्य शिविर का भी आ
आयोजन करते है इन शिविरो मे आयुर्वेद, घरेलू चिकित्सा, प्राणिक हीलिंग,  मनोचिकित्सा,योग व प्राणायाम द्वारा आरोग्य आनंदम चलाया जाता है। इन शिविरो व व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर ही यह पुस्तक लिखी गयी है।
अभी तक तवाव प्रबंधन पर लिखी अधिकांशत: पुस्तके पश्चिमी विचारधाराओं व पश्चिमी देशों के घटनाओं व अनुभवो पर आधारित रही है पर जयंती ने भारतीय परिवेश व समाज के अनुभव व घटनाओं को अपने लेखन मे शामिल किया है जो अपने व अपने से जुड़ाव प्रकट करती हैं। योग व प्राणायाम हमारे जीवन संस्कृति के अभिन्न अंग है, व श्वास प्रश्वास तथा योगनिद्रा, आत्मावलोकन के बारे मे हमारे प्राचीन मनीषीयों ने हमे बताया है पर आने वाली पीढ़ी तनाव ग्रस्त होने पर इनका अनुपालन करने के बजाय  पशचिमी ग्यान पर चल रहे चिकित्सा केन्द्रो मे जा कर  नींद व बेहोशी की दवाये लेते है जबकि हमारा शरीर स्वयं मे एक नियंत्रक व नियामक तंत्र है बस उसे क्रियाशील किये जाने की आवश्यकता है। यह बात बेहद सहज ढंग से बताया है जयंती जैन ने।
     तनाव एक मानसिक स्थिति है, घटनायें सदैव तनाव का कारण नही है। कभी कभी तो यह हमारे प्रगति व विकास मे सहायक होती है। महत्वपूर्ण यह है कि आप घटनाओं को किस रूप मे लेते हैंऔर उससे कैसे प्रभावित होते है। घटना की व्याख्या एवं विश्लेषण से हमारा रवैया तय होता है। हमारा रवैया ही तनाव होने व न होने का कारण है। पुस्तक मे दी गयी हम सबको तनाव प्रबंधन की ज्यादातर विधियों से हम पूर्व मे अवगत हैपरंतु तनावग्रस्त होने पर हम प्राय: इनका उपयोग नही कर पाते क्योंकि समग्र रूप से हम इनके परिणाम को याद नही रख पाते। तनावग्रस्त होने पर हम अपने विपुल उर्जा भण्डार का भी पूरा उपयोग नही कर पाते हैं। अदृश्य तनाव भी एक अवरोध है। इस पुस्तक की सहायता से हम परिस्थितियों व व्यक्तियों के प्रतिअपनी प्रतिक्रिया और अनुभवों की व्याख्या कर तनाव संबंधी अवयवों को पहचानने व उनका प्रबंधन करने मे सहायता प्रापत कर सकेगें। पुस्तक के अंत मे तनावरोधी कैप्सूल के रूप मे दिये गये उद्धरण, तनाव निवारण मे मददगार संस्थानो की सूची व पढ़ने योग्य पुस्तको की सूची अच्छी लगी।
    हमारे वर्तमान समाज व समय के लिये भारतीय परिवेश मे लिखी गयी जयंती जैन की यह पुस्तक तनाव छोड़ो सफलता पाओं संग्रहणीय व पठनीय है।

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