मंगलवार, 15 नवंबर 2016

नही चाहिये हमें अच्छे दिन : व्योमेश चित्रवंश की डायरी, 15 नवंबर 2015

आदरणीय मोदी जी,

आप भी गज़ब उलटे हॆ, खुद भी बडे सपने देखते हॆ ऒर हमे भी दिखाते हॆ
-हम जातिवाद की चाशनी मे डूबे हॆ आप हमे राष्ट्रवाद सिखाते हॆ।
-हम तो रेलगाड़ी की छत पर बॆठकर सॆर करने वाले लोग हॆ आप बुलेट ट्रेन का ख्वाब दिखाते हॆ।
-हम टॆन्कर की पानी से सन्तुष्ट हॆ,आप नदियों को जोडने की बात करते हॆ।
-अरे हम तो रॆन बसेरा की चाह रखते हॆ,आप स्मार्ट सिटी की नीयत रखते हॆ।
-हम ३५ किलो चावल प्रति माह की खॆरात से खुश हॆ आप मिट्टी की उर्वरक शक्‍ित बढाने पर जोर देते हॆ।
-हम किताब खोलकर परीक्षा देने के आदि हॆ,आप बेहतर शिक्षा  नीति की वकालत करते हॆ।
-हमे सन्सथागत प्रसव के१२०० र ऒर बन्धयाकरण के ६००रूपये काफी हॆ,आप गाँव गाँव तक चिकित्सा पहुंचाना चाहते हॆ।
-हमे ३०/३०० नम्बर ला डाक्टर ऒर इन्जीनियर बनना पसन्द हॆ,आप आरक्षण की समीक्षा पर बल देते हॆ।
-हमे बेरोजगारी भत्ता की लत हॆ,आप लघु उद्योग ऒर स्वरोजगार के लिए ऋण देते हॆ।
-हम देश मे सहिष्णुता के लिए त्याग पर त्याग किए जा रहे हे ऒर आप विश्व पटल पर हमें ऊचा उठाना चाहते हॆ।
-काश्मीर. का राग अलापते हमारे  दिन कटते थे,आप बेवजह उसे मिलाने के फेर मे हॆ।
-६७/६८ साल से पाकिस्तान को कडी चेतावनी देते आए हॆ आप तो कडी कार्यवाही  करने लगे।
-हम मुफ्त वाइ फाइ के लिए दॉत पसारे हॆ ऒर आप डीजीटल इंडिया का शब्जबाग दिखाते हॆ।
-हम कोशिश मे लगे रहते हॆ कि टॆक्स कॆसे बचाया जाए ऒर आप टेक्स सरलीकरण की बात करते हॆ।
-हमे पुष्पक के कमल हसन की तरह सडान्ध में  रहने की आदत हॆ,आप स्वच्छ. भारत अभियान चलाते हॆ।
-हम अपनी मर्जी से दफ्तर जाना चाहते हॆ,आप बायोमेट्रिक सिस्टम लगवाते हैं.
-हम अपहरण उद्योग शान से चलाते हॆ,आप उद्योग की चिन्ता करते हॆ ।

सार यह कि हमे मुफ्तखोरी की आदत हॆ,हमे आप सा कर्मठ व्यक्ति नहीं चाहिए ।

     वैसे भी अगर आपने हमे ये सब खॆरात नही दिया तो २०१९ मे तो हम आपको हटा ही देगें ऒर फिर से अपनी उसी दुनिया में चले जायेंगे जहाँ प्रेम था, सेक्यूलरिज्म था, भाईचारा था,सहिष्णुता था,विकास था,अमीरी थी और इधर उधर से ढेर सारे कमाई के रस्ते थे, लेन देन कर आपसी प्रेम बढ़ाने का जरिया था, घर मे बिना मेहनत किये मोटी कमाई आने के जुगाड़ थे.
        अगर आप ये सब नही कर सकते तो अपने अच्छे दिन अपने पास ही रखिये क्योंकि इसमे तो हम आरामपसंद, मेहनतचोर, कमरे मे बैठ कर सरकार को कोसने वाले, जुगाड़िया, करप्ट सीधे सादे लोगो के लिये कोई जगह ही नही है.
http://chitravansh.blogspot.in

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