ऐ सिनहा जी,
मन्तरी नही बने तो का देसदरोही बन जाईयेगा का?
बड़े दिनो से आपकी छटपटाहट तजबीज रहे हैं । सुना था कि आपकौ तो टिकसै नही मिलने वाला था वो तो सुकर मनाईये बनारस व यूपी के कायथ नेताओ का, ओनके प्रेसर मे आपको आपकी पाटी ने टिकस दे दिया। पर जीतने के बाद आप तो हरामखोरई पर ऊतर गये जी।
कहीं ऐसा होता है जी? अब आप हर उस बात का विरोध कर रहे है जो सिधे तौर पे कही जाती है। अगर आपकी पाटी कहेगी उत्तर तो आप बोलियेगा दक्खिन। वाह बिहारी बाबू, मतलब ई हो गया कि आप अपोजिसन के तरह खाली विरोध के लिये विरोध।
आप तो ऐइसे नही थे हो सिनहा जी। एही फेसबुक पर पढ़े थे कही दूई चार रोज पहिले, कि मोदी कहेगें कि निपटने के बाद हाथ सबुनिया लेना चहिये तो अपोजिसन बोलेगा कि नाही जी हम तो चाटेगें। अब आपो वही लोगन मे शामिल होय गये हैं। आप कन्हैया को सपोर्ट करे या कंस को , हम आम हिन्दुस्तानी पर कौनो असर नाही पड़ने वाला है। पर तकलीफ होती है कि आप जैसे पूर्व केन्द्रिय कैबिनेट मन्तरी को कभ्भो देश पर मरने वाले सैनिको पर तकलीफ नही हुई? आप को लखनऊ मे मरने वाले उस शोध छात्र के आत्महत्या पर नही तकलीफ हुई जिससे देश के विज्यान को ढेरो आशाये थी। आप नक्सली हमले मे मरने वाले उस नौजवान सैनिक के मृत्यु पर बोलना गवारा नही किये जिसकी शादी को महज ४ महीने बीते थे। फिलमो मे डायलाग मारते मारते आप भूल गये है शायद कि हर जगह मुँह नही बाना चहिये। कउन सा आप मे सुरखाब के पर लग गये है कि आप को मन्तरी बनाया ही जाना चहिये।
देखिये सिनहा जी, आप अपनी ईज्जत अपने से धोय रहै हो। आप अपने लालच ओर चाह से बाहर निकल कर देस के बारे मे भी सोचिये। भाजपा को पीछे छोड़ने के चक्कर मे तो आप केतना पीछे चले गये इसका अन्दाजा आप से जियादा किसको होगा? बिहार चुनाव मे आपकी पारटी भाजपा ने तो आपको नही ही पूछा आप को आप वालो ने भी लालीपाप दिखा दिया अउर आपके वो नितिश भी आपको घास नही डाले।
हमे तो लगता है कि कहीं कन्हैया की आजादी का समर्थन करते हुये आपकी पारटी आपको ही न आजाद कर दे। क्योकि वह कब तक फालतू बोझा बने आपको ढोती रहेगी?
अउर सिनहा जी, तब तो बहुतै न बुरा होय जायेगा आपके साथ? क्योकि अब तो फिलमी लाईन मे आपको कोई पूछने वाला नही।
चेत जाईये न सिनहा जी।
मन्तरी नही बने तो का देसदरोही बन जाईयेगा का?
बड़े दिनो से आपकी छटपटाहट तजबीज रहे हैं । सुना था कि आपकौ तो टिकसै नही मिलने वाला था वो तो सुकर मनाईये बनारस व यूपी के कायथ नेताओ का, ओनके प्रेसर मे आपको आपकी पाटी ने टिकस दे दिया। पर जीतने के बाद आप तो हरामखोरई पर ऊतर गये जी।
कहीं ऐसा होता है जी? अब आप हर उस बात का विरोध कर रहे है जो सिधे तौर पे कही जाती है। अगर आपकी पाटी कहेगी उत्तर तो आप बोलियेगा दक्खिन। वाह बिहारी बाबू, मतलब ई हो गया कि आप अपोजिसन के तरह खाली विरोध के लिये विरोध।
आप तो ऐइसे नही थे हो सिनहा जी। एही फेसबुक पर पढ़े थे कही दूई चार रोज पहिले, कि मोदी कहेगें कि निपटने के बाद हाथ सबुनिया लेना चहिये तो अपोजिसन बोलेगा कि नाही जी हम तो चाटेगें। अब आपो वही लोगन मे शामिल होय गये हैं। आप कन्हैया को सपोर्ट करे या कंस को , हम आम हिन्दुस्तानी पर कौनो असर नाही पड़ने वाला है। पर तकलीफ होती है कि आप जैसे पूर्व केन्द्रिय कैबिनेट मन्तरी को कभ्भो देश पर मरने वाले सैनिको पर तकलीफ नही हुई? आप को लखनऊ मे मरने वाले उस शोध छात्र के आत्महत्या पर नही तकलीफ हुई जिससे देश के विज्यान को ढेरो आशाये थी। आप नक्सली हमले मे मरने वाले उस नौजवान सैनिक के मृत्यु पर बोलना गवारा नही किये जिसकी शादी को महज ४ महीने बीते थे। फिलमो मे डायलाग मारते मारते आप भूल गये है शायद कि हर जगह मुँह नही बाना चहिये। कउन सा आप मे सुरखाब के पर लग गये है कि आप को मन्तरी बनाया ही जाना चहिये।
देखिये सिनहा जी, आप अपनी ईज्जत अपने से धोय रहै हो। आप अपने लालच ओर चाह से बाहर निकल कर देस के बारे मे भी सोचिये। भाजपा को पीछे छोड़ने के चक्कर मे तो आप केतना पीछे चले गये इसका अन्दाजा आप से जियादा किसको होगा? बिहार चुनाव मे आपकी पारटी भाजपा ने तो आपको नही ही पूछा आप को आप वालो ने भी लालीपाप दिखा दिया अउर आपके वो नितिश भी आपको घास नही डाले।
हमे तो लगता है कि कहीं कन्हैया की आजादी का समर्थन करते हुये आपकी पारटी आपको ही न आजाद कर दे। क्योकि वह कब तक फालतू बोझा बने आपको ढोती रहेगी?
अउर सिनहा जी, तब तो बहुतै न बुरा होय जायेगा आपके साथ? क्योकि अब तो फिलमी लाईन मे आपको कोई पूछने वाला नही।
चेत जाईये न सिनहा जी।