व्योमवार्ता/ दिल्ली विधानसभा के चुनाव परिणाम और हमारे विधायक जी : व्योमेश चित्रवंश की डायरी, 11 फरवरी 2020
#मेराघर बनारस शहर उत्तरी मे है,
#बिजली का भारीभरकम बिल हम भरते है पर विधायक जी ने खंभो पर स्विच तार लटकवा के स्ट्रीट लाईट के लिये पिछले तीन साल से आश्वासन देते रहे पर आज तक उन खंभो पर स्ट्रीट लाईट नही लगी। विधायक जी क कहने पर नगर निगम द्वारा यह बताया गया कि बजट आने पर खंभो पर बिजली के लट्टू भी टंग जायेगें पर लट्टू को टंगने को कौन कहे उन खंभो के अंधेरे तलेे दो बेजुबान पशुओं एक साड़ व एक भैंस की मृत्यु हो गई, कमाल है कि कि अखिलेश सरकार के आखिरी समय मे कम हुआ बजट आज तक नही आ सका।
#पानी अभी भी हमारे यहॉ सुबह शाम मल्टीकलर मे आता है कभी पीला, कभी मटमैला, कभी हल्की लालिमा लिये हुये,और कभी कभी तो वह सुगंधित तो कभी दुर्गंधित। शिकायत नगरनिगम की चौकी से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल तक मेरे मोहल्ले वालों ने किया। पर आज भी हम लोग मल्टीकलर्ड और गंधयुक्त पानी पेयजल प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त कर रहे हैं। जबकि विधायक जी का यह दूसरा कार्यकाल है।
#सीवर के बारे मे कहना ही क्या? इसे अखिलेश सरकार की महानता कहे कि सरकारी पैसे की बर्बादी। आज तक वरूणापार वाले समझ ही नही पाये कि सीवर उनके लिये बन रहा है या वे सीवर के लिये ही बने हैं। सीवर की टूटी फूटी पाईप तो डाल दी गई पर उसे मेन लाईन से जोड़ा ही नही गया। जोड़ते भी कैसे जब अब तक यही तय नही हो पाया कि मेनलाईन का डाऊनफ्लो कहॉ होगा? हर दिन किसी न किसी सड़क पर लाल पीले फाईबर के बैरिकेट खड़े कर लाल पीले ग्लो साईन कलर वाले कपड़े पहने दो चार आदमी क्या काम करते है , मुझे नही लगता होगा कि उन्हे भी पता होगा। विधायक जी पिछले कार्यकाल मे तो सारा ठीकरा सपा सरकार और उसकी नीतियों व ठीकेदारी मे भागीदारी सिस्टम को कोसा करते थे। इस कार्यकाल मे वे सीवर जैसी समस्या पर बोलना अपने सम्मान के विरूद्ध समझने लगे और मंत्री बनने के बाद तो क्षेत्र मे सीवर समस्या कहीं उनके एजेण्डे मे दूर दूर तक नही हैं।
#सड़क के मामले मे वरूणापार हमेशा से बद किस्मत रहा। अखिलेश के जमाने मे किसी वीवीआईपी मूवमेंट के ठीक पहले चटपट छर्री डाल काला कर के अपनी भूमिका पूरी कर ली जाती थी। भला हो मोदी जी का, जो प्रवासी भापतीय सम्मेलन और टीएफसी के नाम पर कुछ सड़को को चलने फिरने व देखने लायक बना दिया। पर आज सीवर, बिजली,पानी के नाम पर ज्यादातर सड़के खुदी हुई हैं।
#सबकासाथसबकाविकास को अपना आधारवाक्य बीजेपी भले मानती हो पर हमारे विधायक, सारी! मंत्री जी नही मानते। उनके द्वारा जो भी कार्य कराये जा रहे है वह सबके लिये नही बल्कि कुछ विशेष क्षेत्रों के लिये होती है। नवलपुर मे तुलसीविहार, शिवपुर मे दुर्गा विहार जैसी कालोनियॉ इसी तरह की उदाहरण है। शायद मंत्री जी को भरोसा हो कि बाकी जगहों के वोट तो उनकी थाती है जो मजबूरन कहीं भटक कर कहीं नही जाने वाले।
यह बातें मै बार बार क्यों सोच कहा हूँ पता नहीं, क्योंकि मुझे अपने विधायक , सारी! मंत्री जी से अब कोई उम्मीद नही है, क्योंकि अब तक हम लिखत पढ़त मौखिक रूप से उनसे कई कई बार आश्वासन पा कर निराश हो चुके हैं। पर शायद #दिल्ली के चुनाव परिणामों को देख कर मै बार बार अपने क्षेत्र के #भाजपा विधायक जी की तुलना पुन: जीते हुये प्रत्याशियों से जाने क्यों करने लगा हूँ।
(बनारस, ११फरवरी २०२०, मंगलवार)
#मेराघर बनारस शहर उत्तरी मे है,
#बिजली का भारीभरकम बिल हम भरते है पर विधायक जी ने खंभो पर स्विच तार लटकवा के स्ट्रीट लाईट के लिये पिछले तीन साल से आश्वासन देते रहे पर आज तक उन खंभो पर स्ट्रीट लाईट नही लगी। विधायक जी क कहने पर नगर निगम द्वारा यह बताया गया कि बजट आने पर खंभो पर बिजली के लट्टू भी टंग जायेगें पर लट्टू को टंगने को कौन कहे उन खंभो के अंधेरे तलेे दो बेजुबान पशुओं एक साड़ व एक भैंस की मृत्यु हो गई, कमाल है कि कि अखिलेश सरकार के आखिरी समय मे कम हुआ बजट आज तक नही आ सका।
#पानी अभी भी हमारे यहॉ सुबह शाम मल्टीकलर मे आता है कभी पीला, कभी मटमैला, कभी हल्की लालिमा लिये हुये,और कभी कभी तो वह सुगंधित तो कभी दुर्गंधित। शिकायत नगरनिगम की चौकी से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल तक मेरे मोहल्ले वालों ने किया। पर आज भी हम लोग मल्टीकलर्ड और गंधयुक्त पानी पेयजल प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त कर रहे हैं। जबकि विधायक जी का यह दूसरा कार्यकाल है।
#सीवर के बारे मे कहना ही क्या? इसे अखिलेश सरकार की महानता कहे कि सरकारी पैसे की बर्बादी। आज तक वरूणापार वाले समझ ही नही पाये कि सीवर उनके लिये बन रहा है या वे सीवर के लिये ही बने हैं। सीवर की टूटी फूटी पाईप तो डाल दी गई पर उसे मेन लाईन से जोड़ा ही नही गया। जोड़ते भी कैसे जब अब तक यही तय नही हो पाया कि मेनलाईन का डाऊनफ्लो कहॉ होगा? हर दिन किसी न किसी सड़क पर लाल पीले फाईबर के बैरिकेट खड़े कर लाल पीले ग्लो साईन कलर वाले कपड़े पहने दो चार आदमी क्या काम करते है , मुझे नही लगता होगा कि उन्हे भी पता होगा। विधायक जी पिछले कार्यकाल मे तो सारा ठीकरा सपा सरकार और उसकी नीतियों व ठीकेदारी मे भागीदारी सिस्टम को कोसा करते थे। इस कार्यकाल मे वे सीवर जैसी समस्या पर बोलना अपने सम्मान के विरूद्ध समझने लगे और मंत्री बनने के बाद तो क्षेत्र मे सीवर समस्या कहीं उनके एजेण्डे मे दूर दूर तक नही हैं।
#सड़क के मामले मे वरूणापार हमेशा से बद किस्मत रहा। अखिलेश के जमाने मे किसी वीवीआईपी मूवमेंट के ठीक पहले चटपट छर्री डाल काला कर के अपनी भूमिका पूरी कर ली जाती थी। भला हो मोदी जी का, जो प्रवासी भापतीय सम्मेलन और टीएफसी के नाम पर कुछ सड़को को चलने फिरने व देखने लायक बना दिया। पर आज सीवर, बिजली,पानी के नाम पर ज्यादातर सड़के खुदी हुई हैं।
#सबकासाथसबकाविकास को अपना आधारवाक्य बीजेपी भले मानती हो पर हमारे विधायक, सारी! मंत्री जी नही मानते। उनके द्वारा जो भी कार्य कराये जा रहे है वह सबके लिये नही बल्कि कुछ विशेष क्षेत्रों के लिये होती है। नवलपुर मे तुलसीविहार, शिवपुर मे दुर्गा विहार जैसी कालोनियॉ इसी तरह की उदाहरण है। शायद मंत्री जी को भरोसा हो कि बाकी जगहों के वोट तो उनकी थाती है जो मजबूरन कहीं भटक कर कहीं नही जाने वाले।
यह बातें मै बार बार क्यों सोच कहा हूँ पता नहीं, क्योंकि मुझे अपने विधायक , सारी! मंत्री जी से अब कोई उम्मीद नही है, क्योंकि अब तक हम लिखत पढ़त मौखिक रूप से उनसे कई कई बार आश्वासन पा कर निराश हो चुके हैं। पर शायद #दिल्ली के चुनाव परिणामों को देख कर मै बार बार अपने क्षेत्र के #भाजपा विधायक जी की तुलना पुन: जीते हुये प्रत्याशियों से जाने क्यों करने लगा हूँ।
(बनारस, ११फरवरी २०२०, मंगलवार)
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