बीएसएनएल लैण्डलाईन उपभोक्ता होने की व्यथा
मेरे नाम बीएसएनएल का एक लैण्डलाईन है, महीने का न्यूनतम बिल 250+जीएसटी. अकसर वो खराब रहता है, तीज त्योहार बनाने वाले आते है, दो लोग, त्योहारी के नाम पर 100-100रूपये ले जाते है, कभी कभी बनाने भी आते है, तो बनानाने आने के नाम पर 100-100रूपये ले जाते है.
यह क्रम चलता रहता है.
पिछले दीवाली पर घर पर सिर्फ बच्चे थे, सो उन्होने त्योहारी नही दिया, तब से फोन खुद ही त्योहारी बना हुआ है, हफ्ते मे 6 दिन खराब.
शिकायत आनलाईन करते ही तुरंत sms आता है आपकी शिकायत नं0 यह है, शिकायत फलां सज्जन को सौंप दी गई है, उनका मोबाइल नं0 फलॉ है, वगैरह वगैरह. फिर एक दिन बाद sms आता है कि शिकायत दूर हो गई है. कोई अन्य शिकायत होने पर फलॉ नं0 पर संपर्क कर सकते है.
यह क्रम भी लगातार चलता रहता है.
मेरा फोन 0542-2290255 फिर खराब है, शिकायत आनलाईन दर्ज हुई, आनलाईन ठीक भी हो गई. उसमे दिये हुये नंबर 9415795897 जो श्री राजाराम जी का है, उस पर पिछले 4 दिनो से लगातार फोन कर रहा हूँ, घंटी बज रही है पर राजाराम जी को शायद सुनाई नही पड़ रही है. ट्विटर पर मा0 मनोज सिन्हा जी से लेकर बीएसएनएल मुख्यालय व बीएसएनएल वाराणसी पर भी टि्वट किया पर जबाब वही, फुरसत नही है टि्वट देखने की, फिर क्यूँ टि्वटर एकाउंट का एड्रेस दिया भाई.
लोग बाग बताते है कि पिछली भाजपा सरकार मे भारतीय दूरसंचार विभाग का तियॉ पॉच कर करके उसे नवरतन कंपनियों के लाईन से बहरिया कर सड़क पर खड़ा कर बीएसएनएल बनाया गया था, अब अबकी बार बीएसएनएल को सरकारी नियंत्रण से बहरिया कर किसी रूईया, अडानी, मित्तल, अंबानी को दे देने की योजना हो सकती है.
बहरहाल मुझे क्या मुझे तो अपने एक अदद मरे हुये टेलीफोन के जीने का इंतजार है, उसे यह जीवनदान मनोज सिन्हा लगायत राजाराम तक कोई भी दे दे. पर लगता है
#BSNL nahi sudhrega.
(बनारस, 12नवंबर2017, रविवार)
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