सोमवार, 23 जनवरी 2017

हम बीसवीं सदी के आखिरी दसकों के लोग : व्योमेश चित्रवंश की डायरी, 22 जनवरी 2017, रविवार

हम लोग,
जो 1970  से  1990
के बीच जन्में  है,
हमें विशेष आशीर्वाद प्राप्त हैँ ...
हम ना अत्याधुनिक पीढ़ी है ना अत्यन्त प्राचीन ....

....और ऐसा भी नही कि
आधुनिक संसाधनों से
हमें कोई परहेज है......!!!
लेकिन.....
हमें कभी भी
जानवरों की तरह किताबों को
बोझ की तरह ढो कर स्कूल
नही ले जाना पड़ा ।
हमारें माता- पिता को
हमारी पढाई को लेकर
कभी अपने programs
आगे पीछे नही करने पड़ते थे...!
स्कूल के बाद हम
देर सूरज डूबने तक खेलते थे  
हम अपने
real दोस्तों के साथ खेलते थे;
net फ्रेंड्स के साथ नही ।
  जब भी हम प्यासे होते थे
तो नल से पानी पीना
safe होता था और
हमने कभी mineral water bottle को नही ढूँढा ।
हम कभी भी चार लोग
गन्ने का जूस उसी गिलास से ही
पी करके भी बीमार नही पड़े ।
हम एक प्लेट मिठाई
और चावल रोज़ खाकर भी
मोटे नही हुए ।
नंगे पैर घूमने के बाद भी
हमारे पैरों को कुछ नही होता था ।
हमें healthy रहने
के लिए  Supplements नही
लेने पड़ते थे ।
हम कभी कभी अपने खिलोने
खुद बना कर भी खेलते थे ।
हम ज्यादातर अपने parents के साथ या  grand- parents के पास ही रहे ।
हम अक्सर 4/6 भाई बहन
एक जैसे कपड़े पहनना
शान समझते थे.....
common. वाली नही
एकतावाली  feelings ...
enjoy करते थे......!
हम डॉक्टर के पास
नहीं जाते थे,
पर डॉक्टर हमारे पास आते थे
हमारे ज़्यादा बीमार होने पर ।
हमारे पास
न तो Mobile,  DVD's,
PlayStation, Xboxes,
PC, Internet, chatting,
क्योंकि
हमारे पास real दोस्त थे ।
हम दोस्तों के घर
बिना बताये जाकर
मजे करते थे और
उनके साथ खाने के
मजे लेते थे।
कभी उन्हें कॉल करके
appointment नही लेना पड़ा ।
हम एक अदभुत और
सबसे समझदार पीढ़ी है क्योंकि
हम अंतिम पीढ़ी हैं जो की
अपने parents की सुनते हैं...
और
साथ ही पहली पीढ़ी
जो की
अपने बच्चों की सुनते हैं ।
We are not special,
but.
We are
LIMITED EDITION
and we are enjoying the
Generation 🤔🤔🤔🤔🤔🤔 Gap......
( बनारस, 22जनवरी 2017, रविवार)
http://chitravansh.blogspot.com

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