शनिवार, 31 दिसंबर 2016

अखबारों मे पढ़ के अच्छा लगता है : व्योमेश चित्रवंश की डायरी, 31 दिसंबर 2016, शनिवार

वो मुतमइन हैं कि पत्थर पिघल नहीं सकता
मैं बेक़रार हूँ आवाज़ में असर के लिये

आज कमिश्नर साहब ने फिर मेरे शहर के बेपटरी यातायात समस्या हेतु रणनीति बनाई पर वीडीए व नगरनिगम के नीयत को देखते हुये हम मुतमइन है.
देखें कि भोजूबीर लगायत गोदौलिया , आशापुर लगायत चौक के बड़े रसूखदार लोगों द्वारा किया अतिक्रमण शायद हट जाये या वरूणा की तरह बड़़े लोगो के असर से सड़क ही न सिकुढ़ जाये.
(बनारस, 31दिसंबर 2016, शनिवार)
http:chitravansh.blogspot.com

कोई टिप्पणी नहीं: