१४ मार्च २०१६, सोमवार
आज सुबह से ही मौसम खराब था, मौसम के साथ मन भी अशान्त था, बेमौसम के बरसात व ओलावृष्टि से किसानो के साथ हुये अनयाय से प्रकृति के प्रति थोड़ी नाराजगी हुई, कचहरी पर भी बेमौसम के मार का असर दिखा, वही एक अधिवक्ता बंधु सूर्य नाथ यादव जी के असामयिक निधन से खिन्नता और बढ़ी, डॉ० अरविन्द भैया के आने से माहौल मे थोड़ी सी तब्दीली आयी़ बाद मे सूर्यभान भाई के साथ ले० कर्नल एस एम सिंह से मिलने यू पी कालेज गये तो वहॉ छात्रसंघ उद्घाटन के नाम पर चेहरा दिखाने छुटभैय्यो की भीड़ व नेताओ का जमावड़ा मिला. कभी कभी लगता है कि मायावती का शासन ही सही था जब कालेज विश्वविद्यालयो के परिसर मे छात्रसंघ बैन था और पढ़ाई का माहौल बना हुआ था पर आज?
एनसीसी कार्यालय मे कर्नल बहादुर सिंह से परिचय हुआ. जालंघर के निवासी सिख रेजीमेण्ट के कर्नल सिंह शानदार स्वभाव के लगे.
सूर्यभान को आज ही दिल्ली जाना है फिलवक्त शाम को टहलने का कार्यक्रम स्थगित. मौसम मे तब्दीली नही फिर भी बरसात बंद है. देश की राजनीति आरोपो प्रत्यारोपड़ जारी है. कनु की गणित की परीक्षा हो गई़ उसका भय समाप्त हुआ.
राबर्ट एच शूलर की tough times never gone, एक बार फिर पढ़ रहा हँ, अच्छा
अहसास हो रहा है तो उसे पचाने के लिये.
आज सुबह से ही मौसम खराब था, मौसम के साथ मन भी अशान्त था, बेमौसम के बरसात व ओलावृष्टि से किसानो के साथ हुये अनयाय से प्रकृति के प्रति थोड़ी नाराजगी हुई, कचहरी पर भी बेमौसम के मार का असर दिखा, वही एक अधिवक्ता बंधु सूर्य नाथ यादव जी के असामयिक निधन से खिन्नता और बढ़ी, डॉ० अरविन्द भैया के आने से माहौल मे थोड़ी सी तब्दीली आयी़ बाद मे सूर्यभान भाई के साथ ले० कर्नल एस एम सिंह से मिलने यू पी कालेज गये तो वहॉ छात्रसंघ उद्घाटन के नाम पर चेहरा दिखाने छुटभैय्यो की भीड़ व नेताओ का जमावड़ा मिला. कभी कभी लगता है कि मायावती का शासन ही सही था जब कालेज विश्वविद्यालयो के परिसर मे छात्रसंघ बैन था और पढ़ाई का माहौल बना हुआ था पर आज?
एनसीसी कार्यालय मे कर्नल बहादुर सिंह से परिचय हुआ. जालंघर के निवासी सिख रेजीमेण्ट के कर्नल सिंह शानदार स्वभाव के लगे.
सूर्यभान को आज ही दिल्ली जाना है फिलवक्त शाम को टहलने का कार्यक्रम स्थगित. मौसम मे तब्दीली नही फिर भी बरसात बंद है. देश की राजनीति आरोपो प्रत्यारोपड़ जारी है. कनु की गणित की परीक्षा हो गई़ उसका भय समाप्त हुआ.
राबर्ट एच शूलर की tough times never gone, एक बार फिर पढ़ रहा हँ, अच्छा
अहसास हो रहा है तो उसे पचाने के लिये.
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