मंगलवार, 15 मार्च 2016

व्योमेश चित्रवंश की डायरी 15 मार्च 2016

15 मार्च 2016,  मंगलवार
सुबह कुछ थुंथ के साथ मौसम की शुरूआत हुई, फिर दिन भर मौसम साफ ही रहा और मन भी . कल के बजाय आज मन स्वस्थ व सामान्यतया सहज था.
आज प्रदूषण पर एक  विचार मन मे आया, हम रोज ब रोज रीफिल पेन का इस्तेमाल करते है और उपयोगपरान्त उन रीफिल्स को कूड़े मे फेंक देते है जो बाद मे प्रदूषण का एक बड़ा जरिया बनते है, यदि हम औसतन एक रीफिल एक हफ्ते मे खर्च कर फेंक देते है तो लगभग एक करोड़ रीफिल हर माह घूरे देश मे कूड़े पर जाता है जो अप्रयोज्य व बेकार होकर प्रदूषण बढ़ाने मे जिम्मेदार है, इस लिये हमे यूज एण्ड थ्रो रीफिल के बजाय बार बार उपयोगी होने वाले कलमो का प्रयोग करना होगा.
इसी क्रम मे हम आज से यह संकल्प लेते है कि आज से हम ऱीफिल पेन के बजाय फाउंटेन पेन व रियूजफूल कलमो का प्रयोग करेगे, उसी क्रम मे काफी दिनो से रखे अपने मित्रो से उपहार मे प्राप्त दो पार्कर कलमो को ठीक ठाक किया, लिखने का एक ऩया अनुभव लगा,
शाम डा० अरविन्द के यहॉ गुजरी पर फिर टी२० के मैच के चक्कर मे मंदिर नही जा पाये. हालॉकि मैच देखना बेकार ही रहा, न्यूजीलैण्ड ने हमे ४७ रनो से हरा दिया. पढ़ रहे tough times never gone but tough people do it से एक लाईन याद आयी every problem hold positive possibilities सच लगा खेल के लिये भी और जीवन के लिये भी......

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