धरती के भगवान?
अभी #डाक्टर्स_डे बीते तीन चार दिन ही हुये।आज भी हमारे समाज मे ऐसे #डाक्टर है जिनके प्रति हम श्रद्धा व सम्मान से नतमस्तक हो जाते हैं। #कोरोना काल मे डाक्टर हमे भगवान के रूप मे दिखे। इसमें कोई संदेह नही कि डाक्टरों एवं #पैरा_मेडिकल स्टाफ सहित पुलिस, सुरक्षा बल, बैंककर्मी एवं अन्य फ्रण्टल सेवारत कर्मियों ने अपनी भूमिका बहुत ही अच्छे ढंग से निर्वहन किया परंतु #चिकित्साकर्मियों के सफेद चोंगे और उनके सहायकों दुकानदार, पीआरओ, अन्य रूपों मे बहुत सारे मानवगिद्ध भी नजर आये जो इस आपदा मे भी अपना #शैतानी_चेहरा और #धनपिपासा को दिखाने से बाज नही आये।
सच तो ये है कि ऐसे मानवगिद्ध हमारे समाज मे पिछले 30 सालों से लगातार बढ़ रहे हैं । यह #श्रृंखला ऐसे ही मानव गिद्धों पर है जिन्हे हम मजबूरीवस धरती के भगवान मानते हैं।
आप सभी इस तरह के व्यक्तिगत अनुभवों से दो चार हो चुके है और हो रहे है। कृपया उन्हे व्यक्त कर इन मानवगिद्धों को भगवान के चोंगें से बाहर कर समाज को उनका #वास्तविक_चेहरा दिखाने मे सहायक बनें।
#धरती_के_भगवान ?
#मानवगिद्ध
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