बुधवार, 1 अप्रैल 2020

व्योमवार्ता/ ओम प्रकाश राय यायावर की आपका रसिया : व्योमेश चित्रवंश की डायरी, 31 मार्च 2020, मंगलवार

व्योमवार्ता/ ओम प्रकाश राय यायावर की आपका रसिया

         कल फेसबुक के आभासी  मित्र छोटे भाई ओम प्रकाश राय यायावर ने अपनी नई नवेली कृति आपकी रसिया भेजा । एक ही बैठकी मे पूरा पढ़ गया बस इसलिये नही कि आजकल कोरोना लाकडाऊन के चलते फुरसत है बल्कि इसलिये भी कि पुस्तक बड़े प्यारे कथानक को सीधे साधे ताने बाने मे बुनती हुई एक प्यारा सी प्रेमकहानी प्रस्तुत करती है। यायावर का नायक इस बार भी गॉव का, कहना न होगा उनके अपने बिहार के एक गॉव का सीधा सरल पढ़ा लिखा जिन्दगी मे  एक अदद रोजगार की तलाश मे भला युवक है जिसे  जाने अनजाने प्यार हो जाता है पर प्यार ते टेढ़ी मेढ़ी चक्करदार गलियों मे घूमते हुये भी कहानी बड़ी सीधे साधे सरल अंदाज मे चलती है और नायक नायिका बार बार नजदीक आ कर भी नियति के बिडंबना से एक होने के लिये मिलते मिलते भी छूट जाते हैं कहानी का कथानक अंत मे एक रोचक अप्रत्याशित मोड़ पर ला कर नायक नायिका के साथ पाठक को भी खड़ा कर देता है। कहानी का आखिरी नतीजा बता देना न सिर्फ़ लेखक अनुज ओम प्रकाश राय यायावर Om Prakash Rai Yayavar के साथ बल्कि उपन्यास के किसलय और काव्या के साथ भी बेईमानी होगी।   
          ओम प्रकाश राय यायावर ने अापकी रसिया को ईमानदारी भरे लेखन के साथ बखूबी से अंजाम दिया है। बधाई सधे लेखन के लिये।
(बनारस,३१मार्च २०२०, मंगलवार)
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