गुरुवार, 2 अप्रैल 2020

व्योमवार्ता/ कितने बौने हो गये है हम....: व्योमेश चित्रवंश की कवितायें, 2अप्रैल 2020, गुरूवार

कितने बौने हो गये है हम........

कोरोना,
बंद है सब कुछ,
गॉव से लेकर शहर महानगर तक,
छोटे से वेटिकन ले लेकर बड़े अमेरिका रूस तक,
सूनसान सड़के बंद बाजार,
खड़ी गाड़ियों के थमे हुये पहिये,
परास्त होती विश्व की महाशक्तियॉ,
घूटने टेकते वैज्ञानिक और चिकित्सक,
छोटे से बहुत छोटे सूक्ष्म अति सूक्ष्म,
ऑखों को नजर न आने वाले,
नन्हे से विषाणु से,
आईना दिखा रहे है हमें,
मंहगें उपकरण आलीशान मकान,
आरामदेह सुरक्षित वातानुकूलित गाड़ियाँ,
पल भर मे सब कुछ नेस्तनाबुत करने का,
दावा करने वाले मिसाईल व परमाणु बम,
आज नतमस्तक हैं हम प्रकृति के आगे,
तोड़ कर प्रकृति की वर्जनायें,
हवाहवाई हो गई है,
प्रकृति को दी जाने वाली हमारी चुनौतियां,
अंततः कितने और कितने बौने हो गये है,
खुद हम......

(बनारस, 02अप्रैल 2020, गुरूवार)
चैत्र रामनवमी,संवत २०७७ वि०
http:chitravansh.blogspot.in

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