शनिवार, 23 जुलाई 2016

ट्रौमा सेण्टर के पार्किंग ठेकेदार खुद मे ही माफिया है।: व्योमेश चित्रवंश की डायरी ,19 जुलाई 2016

उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल मे ही अपने सभी चिकित्सालयो मेे पार्किग सुविधा निशुल्क कर दिया उसके लिये बेहद जरूरी व वाजिबकारण बताते हुये यह कहा गया कि अस्पताल मे मरीजो की सुविधा के लिये सुविधाओं को निशुल्क अथवा बेहद मामूली शुल्क पर किया जाना चाहिये।
      वहीं दूसरी तरफ बीएचयू ट्रौमा सेण्टर मे अगर आप सीधे व सरल स्वभाव के है तो पार्किग वाला आपसे मनमाने तौर पर पार्किंग शुल्क वसूल करेगा और काऱण पूछने पर आप के साथ जबरदस्ती व गुंडई करने को बिलकुल स्वतंत्र है। उस पर से बड़ा तुर्रा यह कि वह माफिया है अगर आपको गाड़ी नही खड़ी करनी है तो मत खड़ी करिये। पार्किंग से मिलने वाले रसीद मे व्यौरा कुछ और ही दर्ज है।
पार्किंग स्थल की हालत यह है कि पूरे पार्किंग एरिया मे कीचड़ भरा है। जरा सा पानी बरसने पर वहॉ घुटने भर पानी भर जाता है। गलती से आपकी दूपहिया रह गयी तो फिर स्टार्ट  होने के लिये भगवान मालिक है।
यदि आपने अपनी गाड़ी भूलवश नो पार्किंग एरिया मे खड़ा कर दिया है तो हास्पिटल मैनेजमेण्ट सिस्टम बार बार एनाउंसमेण्ट कर आपको  इस गलती के लिये याद दिलाता रहेगा जब तक आप उसे पार्क करने जायेगे तब तक पार्किग वाले आपकी गाड़ी पंचर भी कर सकते है। और पूछने पर वही जबाब कि वे माफिया है कुछ भी कर सकते हैं।
जब हमने पार्किंग के कर्मचारियो की शिकायत ट्रौमा सेण्टर के सिक्यूरिटी सिस्टम से किया तो उन बेचारो ने अपनी बेबसी बताते हुये कहा कि साहब वे  माफिया लोग हैं वीसी व ओएसडी के खासमखास है हम कॉन्टैक्ट ड्यूटी वाले उन्है कैसे रोक सकते है?
कल रात को ११,३० बजे पार्क की हुई गाड़ी को आज सुबह ६ बजे निकालने पर पार्किंग कर्मचारी द्वारा ३०/- मॉगने पर फिर किचकिच हुई मैने जब शिफ्ट वाईज चार्ज पूछा तो कर्मचारी ने सरलता से गणित समझाया कि रोज 2000/- रूपये वीसी को व3000/- रूपये ओएसडी को देने के बाद हमारे भी बालबच्चो को पालने  के लिये खर्च निकालना पड़ता है।
पता नही कर्मचारी कितना सच बोल रहा था पर अगर इसमे रत्ती भर भी सच्चाई है तो यह पूज्य महामना के परित्राणाम दुखतप्तम्  जैसे पवित्र विचारों की सरेआम हत्या है जिसके प्रतिे बीएचयू के पूर्व छात्र रहे हम जैसे लोग प्रतिकार करते हैं।

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