देखा था एक ख्वाब कल रत नीद में
जीता हु होंगे सच , बस इस उम्मीद में
जो जिंदगी के ख्वाब हकीकत न बन सके
यादो के उस जहर को हम कैसे पी सके
आएगी उनको याद कभियो मेरे साथ की
सोचेंगे कैसे है वो मेरे रकीब में
यूँ जिंदगी में अक्सर तनहा रहा हु मै
बिखरने के ही ख्याल से लड़ता रहा हूँ मै
जीवन की डोर अब रुक जाती है बार बार
तमन्ना है उनको देखे अपने करीब में
हर ओरसे जब टूट मुझे मिला एक आसरा
उनको ही प् के साथ मुझे कुछ सुकून मिला
लेकिन ये जख्म मुझको लगना था अभी व्योम
कोई बंधा है पहले से उनके नसीब में
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