जीवन के असल फलसफा को समझाने वाली डॉ0 हरबंश राय बच्चन की यह कविता मेरे पसंदीदा कविताओं मे ये एक है. आज के मौजूं मे जिन्दगी के हकीकत से परे भागते व सच का सामना करने के बजाय झूठे छलावा मे जिन्दगी जीने का असल सच यही है, कभी जीवन की आपाधापी मे खुद का तलाश करने बैठने पर पूरी जिन्दगी का गुणाभाग कर के सच देखा जाय तो कहीं खुद के पीछे तनहा बैठा अकेला असल इंसान दिखता है जो वक्त की मार मे खुद से दूर हो दोयम जिन्दगी जीने को मजबूर है, यही इस कविता का ही नही जिन्दगी का भी सच है, जब खुद को जिन्दगी के टेढ़े मेढ़े रस्ते मे उलझनों के बियाबान मे भटकता पाता हूँ तो इनही लाइनो को दुहराता हूँ ौर यकीं मानिये कोई रस्ता निकल ही आता है.....
खवाहिश नही मुझे मशहुर होने की।
आप मुझे पहचानते हो बस इतना ही काफी है।
अच्छे ने अच्छा और बुरे ने बुरा जाना मुझे।
क्यों अपनी जरूरत भरा हर एक ने पहचाना मुझे।
ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा भी कितना अजीब है,
शामें कटती नहीं, और साल गुज़र जाते हैं....!!
एक अजीब सी दौड़ है ये ज़िन्दगी,
जीत जाओ तो कई अपने पीछे छूट जाते हैं,
और हार जाओ तो अपने ही पीछे छोड़ जाते हैं।
बैठ जाता हूं मिट्टी पे अक्सर...
क्योंकि मुझे अपनी औकात अच्छी लगती है..
मैंने समंदर से सीखा है जीने का सलीक़ा,
चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना ।।
ऐसा नहीं है कि मुझमें कोई ऐब नहीं है
पर सच कहता हूँ मुझमे कोई फरेब नहीं है
जल जाते हैं मेरे अंदाज़ से मेरे दुश्मन
क्यूंकि एक मुद्दत से मैंने
न अंदाज बदले और न ही दोस्त बदले .!!.
एक घड़ी ख़रीदकर हाथ मे क्या बाँध ली..
वक़्त पीछे ही पड़ गया मेरे..!!
सोचा था घर बना कर बैठुंगा सुकून से..
पर घर की ज़रूरतों ने मुसाफ़िर बना डाला !!!
सुकून की बात मत कर ऐ ग़ालिब....
बचपन वाला 'इतवार' अब नहीं आता |
जीवन की भाग-दौड़ में -
क्यूँ वक़्त के साथ रंगत खो जाती है ?
हँसती-खेलती ज़िन्दगी भी आम हो जाती है..
एक सवेरा था जब हँस कर उठते थे हम
और
आज कई बार
बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है..
कितने दूर निकल गए,
रिश्तो को निभाते निभाते..
खुद को खो दिया हमने,
अपनों को पाते पाते..
लोग कहते है हम मुस्कुराते बहोत है,
और हम थक गए दर्द छुपाते छुपाते..
"खुश हूँ और सबको खुश रखता हूँ,
लापरवाह हूँ फिर भी सबकी परवाह
करता हूँ..
मालूम है कोई मोल नहीं मेरा,
फिर भी,
कुछ अनमोल लोगो से
रिश्ता रखता हूँ...!
(बनारस, 03 जुलाई 2017, सोमवार )
http://chitravansh.blogspot.in
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