शुक्रवार, 5 सितंबर 2025

बरसात में मेरे शहर का पानी पानी होना.... (बनारस पर कवितायें)

बरसात में मेरे शहर का पानी पानी होना....

सावन बरस रहा है 
बनारस भी भींग रहा है
केवल भींग ही नही रहा 
बल्कि पानी पानी हो गया है
अस्सी से गोदौलिया तक
रविन्द्रपुरी से भदैनी तक
ट्रौमा सेण्टर और बीएचयू  ही नहीं
अंधरापुल पाणेपुर भोजूबीर भी
सावन के पानी मे नहा कर
खुद पानी पानी हो रहे हैं
इस साल भी गंगा भी उफनाई है
सावन मे ही
गंगा के पलट प्रवाह से 
वरूणा भी
अखबार बताते हैं यह बाढ़
बैराज के छूटे पानी से है
पर अपना बनारस तो 
हर बरस भींगता है
पानी पानी हो जाता है
पर इस पानी का असर 
उन पर नही पड़ता 
जिनके कारण पूरा शहर 
हर बार पानी पानी हो जाता है
क्योंकि इस पानी के बढ़ने से पहले ही
उन की ऑखों का पानी सूख चुका है....

-व्योमेश चित्रवंश, 18072025

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