धरती के भगवान? (भाग-6)
#बनारस के #शिवपुर मे एक बड़ा #अस्पताल है। ट्रस्ट द्वारा कथित तौर पर संचालित #सेवा_सदन_अस्पताल मे ओपीडी फीस मात्र 20/- है। अगर आप बिना नंबर के #वेटिंग लाईन को बाईपास कर के दिखाना चाहे तो फीस 50/- हो जाती है, ये दूसरी बात है कि अब उस बाईपास #वीआईपी लाईन मे भी वेटिंग लिस्ट बनने लगी है। #डाक्टरसाहब मन से मरीजों को देखते भी है बस एक बात जो इन सब पर भारी पड़ती है कि डाक्टर साहब की लिखी दवा #एकमात्र_स्थान उसी कैम्पस मे बनी उनके भाई के #मेडिकल_स्टोर मे ही मिलती है। मेडिकल स्टोर चलाने वाली उनकी भावज के पास #फार्मेसिस्ट की डिग्री भले ही न हो पर #हिसाब_किताब मे उनकी गिनती इतनी फिट है कि 697 रूपये का जोड़ निकाल कर पैसा लेने के लिये कभी 695/- पर नही आता वह हमेशा 700/- पर जा कर ही रूकता है।
आजकल पूरा अस्पताल #डेंगू मरीजों से पटा पड़ा है। अंदर की बात यह है कि डाक्टर साहब फिलवक्त है भी नही। पर वहां मरीजों के भर्ती के लिये आने पर गार्ड साहब एण्ट्री कर के बाकायदा गेट खोलते है। आप की सारी परेशानी बीमारी का दरियाफ्त करेगें। उसके बाद आपको #स्ट्रेचर_व्हीलचेयर पर #इमरजेंसी तक भी पहुंचा देगें। वहां मौजूद कथित #आरएमओ डाक्टर साहेब आपके परेशानी और बीमारी के बारो मे सिलसिलेवार दूबारा दरयाफ्त करेगें। आपसे 500+50/- ले कर आप का पर्चा भी बन जायेगा । फिर आरएमओ साहब दो तीन बार परेशान हाल अपनो #मोबाइल से पता नही कहां कहां किस किस को फोन करेगें। और फिर बतायेगें कि "भाई साहब पूरे अस्पताल मे एक भी बेड खाली नही #आईसीयू मे भी नही। सब पर डेंगू के #मरीज भरे है। आप कहीं और एडमिट हो लें।
अब आरएमओ साहब से कौन पूछे कि "जब अस्पताल मे सारे बेड भरे थे तो आप ये आधे घंटे की #नौटंकी क्यों कर रहे थे? क्या सिर्फ 500/- के लिये। जिसका मरीज को कोई फायदा नही मिला?"
पर कौन पूछे इन धरती के भगवान से जो दरअसल सफेद कोट के चोले के नीचे मानवगिद्ध हैं.
#धरती_के_भगवान?
#मानवगिद्ध?
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