सोमवार, 23 अगस्त 2021

व्योमवार्ता/ चाल-ढाल तो मेरी बचपन से ही वकील वाली थी। पर वकालत मे आने के लिये डिग्री लेना भी जरूरी था।🤪

व्योमवार्ता/ चाल-ढाल तो मेरी बचपन से ही वकील वाली थी। पर वकालत मे आने के लिये डिग्री लेना भी जरूरी था।🤪

नौंवीं कक्षा में मैंने किरकिट मैच खेलने के चक्कर मे विज्ञान की कॉपी नही बनाई थी और कॉपी चेक कराने का भयंकर दबाव था......
गूरूजी भी बहुत सख्त थे, पता चलता उनको तो उल्टा ही टांग देते या भरे क्लास मे मुर्गा बना देते। 😢😭

पूरे नौ अध्याय हो चुके थे......
लड़के 40- 40 रुपए वाले रजिस्टर भर चुके थे और मेरे पास रजिस्टर के नाम पर बस एक रफ़ कॉपी में ही थी 😐

दो रात एक मिनट भी नींद नहीं आई,
ऊपर से प्रिंसिपल साहब को पता चलने का डर 😞

इस प्रकार चेकिंग का दिन आ ही गया 😰
गूरूजी ने चेकिंग शुरू की 🤢 18 रोल नंबर वालों तक की कॉपी चेक हुईं और घंटी बज गई,
मैंने राहत की सांस ली..... 😁

तभी गूरूजी ने जल्दी जल्दी में कहा:-
सभी बच्चे अपनी अपनी कॉपी जमा करके दे दो, मैं चेक करके भिजवा दूंगॉ..... 🙄

तभी मेरा शातिर दिमाग घूमा🤔, और मैं भीड़ में कॉपियों तक गया और जैसे अलजेब्रा में मान लेते हैं
ठीक वैसे ही मैंने भी मान लिया कि कॉपी मैंने जमा कर दी ......😁😁

अब कॉपी की जिम्मेदारी गूरूजी की..... 😉

दो दिन बाद सबकी कॉपी आई लेकिन मेरी नहीं आई...आती भी कैसे......?☺️☺️😊😃😂

मैं गूरूजी के पास गया और बोला:-
सरजी, मेरी कॉपी नहीं मिली...🤔
वो बोले:-
मैं चेक कर लूंगा, स्टाफ रूममें होगी.....😏

अगले दिन मैं फिर पहुच गया और बोला :-
सर, मेरी कॉपी ?🤔
गूरूजी बोले-
स्टाफरूम में तो है नहीं, मेरे घर रह गई होगी, कल देता हूं 😏
मैंने कहा:- ठीक है 😊

अगले दिन.......
मैं फिर....सर कॉपी ? ☹️
सर बोले :-
बेटा मेने घर देखी थी,तुम्हारी कॉपी मिल गयी है, आज मैं लाना भूल गया, कल देता हूं 😊

मैं(मन ही मन ☺️😁):- वाह ! कमाल हो गया, कॉपी दिए बिना ही गूरूजी के घर में मिल गई , असंभव हुआ संभव 😆😂

अगले दिन मैं फिर:- सर कॉपी 😐
वो क्या है ना सर जी, याद भी करना भी जरूरी है😞🙄

और यूं मैंने 5 दिन तक जो मुझे मिला वही तनाव गूरूजी को दिया 😁

फिर गूरूजी ने हमको स्टाफरूम में बुलाया बोले:-
देखो बेटा! आपकी कॉपी हमसे गलती से खो गयी है 😐😐

मैंने ऐसा मुरझाया मुंह बना बनाया जैसे पता नहीं अब क्या होगा 😲😞🤕 और कहा:-
सर अब क्या होगा 🤢😢😟?
मैं दोबारा कैसे इतना लिखूंगा,याद कैसे करूंगा? इम्तिहान कैसे दूंगा, इतना सारा काम मैं फिर से कैसे लिखूंगा....? 😢😥😪😵

सर ने ज्यों ही कहा:- बेटा तुम चिंता ना करो🤔🤗 दसवें चैप्टर से कॉपी बनाओ और बाकी दोबारा मत लिखना, वो मैं बंदोबस्त कर दूंगा 🤔

ऐसे लगा जैसे भरी गर्मी में कलेजे पर बर्फ रगड़ दी हो किसी ने 15 अगस्त के दिन लड्डू की जगह छेने बँटे हों 🤗☺️😄😃😁😂🤣

मानो 50 किलो का बोझा सिर से उतर गया हो☺️ गूरूजी के सामने तो खुशी जाहिर नहीं कर सकता था 😆लेकिन
गूरूजी के जाते ही तीन बार घूंसा💪🏻 हवा में मारकर "Yes! Yes! Yes!" बोलकर अपन कालर ऊपर करते हुए आगे बढ़ लिया 😉
अगले दिन गूरूजी उन 9 चैप्टर की 80 पेज की फोटोस्टेट लेकर आये और मुझे देते हुए बोले:-
ये लो बेटा, कुछ समझ ना आए तो कभी भी आकर समझ लेना 🤗

तो साहेब बाद पढ़ाई जब नौकरी सौकरी नही मिली तो सोचा चलो पुराना अनुभव व्यवहार मे लाया जाये और वकील बन जाते है। कमाल देखिये विज्ञान का सिद्धांत विधि मे भी खूब कारगर हैहै🤪

(काशी, श्रावण पूर्णिमा, संवत2077 वि०, रविवार, 22अगस्त 2021) 

# व्योमवार्ता

 http://chitravansh.blogspot.com

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