आज जब वरूणा नदी के जीर्णोद्घार का कार्य प्रारंभ हो चुका है और रोज ढेरो नये वरूणा प्रेमी अखबार की फोटो मे दिखता है ऐसे मे लगभग एक दसक पूर्व सूर्यभान सिंह के साथ देखा सपना याद आया है। तब न लोग थे न ही उनके पास वरणा मॉ के लिये समय। कुछ खास मित्र जिन्हे चर्चा व प्रचार से कोई मतलब नही था जो सच्चे अर्थो मे वरूणा को उसके अच्छे रूप मे देखना चाहते थे। बस वे हम लोगो के साथ थे। रविवार को अपने स्वान्त: सुखाय के लिये श्रमदान। आपस मे चर्चा और वरूणा को पुनर्जीवित करने का संकल्प ।
जो आज एक साकार रूप मे दिखने लगा है।
धन्यवाद हमारे अपने मित्रों। आज भले ही कोई आपको न जाने पर मॉ वरूणा जानती है।उन्हे आपकी श्रद्धा का अहसास है क्योकि आप नींव के वो पत्थर है जिन पर ईमारते बुलंद होती है। आप वरूणा के वो मानस पुत्र है जो उसके साफ व अविरल जल मे तलहटी के छोटे कण बन नजर आयेगें बस देखने के लिये वो नजर चहिये।
बहुत बहुत शुक्रिया डा० अरविन्द भैया, कैप्टन प्रवीण, मेजर ओ पी, डा० कुलदीप, सुनील करंडा, राजीव मढ़वा, मनोज प्रिन्स, मनोज सीआईएमएस, अजय श्रीवास्तव भैया, राजीव एसआरए, फादर आनंद,आशीष एडवोकेट, ओपी पाण्डेय एडवोकेट, प्रमोद आर्य जी एवं यूपी कालेज एनसीसी के ढेर सारे कैडेट्स व अव्यवस्था मित्रो जिनका नाम अभी याद नही आ रहा है, आप सब की बीते व स्मृति ये http:hamarivarunavaranasi.blogs pot.com पर दर्ज है।
पुन: धन्यवाद ।
जो आज एक साकार रूप मे दिखने लगा है।
धन्यवाद हमारे अपने मित्रों। आज भले ही कोई आपको न जाने पर मॉ वरूणा जानती है।उन्हे आपकी श्रद्धा का अहसास है क्योकि आप नींव के वो पत्थर है जिन पर ईमारते बुलंद होती है। आप वरूणा के वो मानस पुत्र है जो उसके साफ व अविरल जल मे तलहटी के छोटे कण बन नजर आयेगें बस देखने के लिये वो नजर चहिये।
बहुत बहुत शुक्रिया डा० अरविन्द भैया, कैप्टन प्रवीण, मेजर ओ पी, डा० कुलदीप, सुनील करंडा, राजीव मढ़वा, मनोज प्रिन्स, मनोज सीआईएमएस, अजय श्रीवास्तव भैया, राजीव एसआरए, फादर आनंद,आशीष एडवोकेट, ओपी पाण्डेय एडवोकेट, प्रमोद आर्य जी एवं यूपी कालेज एनसीसी के ढेर सारे कैडेट्स व अव्यवस्था मित्रो जिनका नाम अभी याद नही आ रहा है, आप सब की बीते व स्मृति ये http:hamarivarunavaranasi.blogs
पुन: धन्यवाद ।
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