शनिवार, 11 जुलाई 2020

व्योमवार्ता/ #गुलेलन चच्चा : व्योमेश चित्रवंश की डायरी, ११ जुलाई २०२०

व्योमवार्ता/आज की पोस्ट #गुलेलन चच्चा पर : व्योमेश चित्रवंश की डायरी,११जुलाई२०२०

लगभग डेढ़ साल पहले मैने #गुलेलन चच्चा की पोस्ट फेसबुक पर डालना शुरू किया। कुछ मित्रों ने आलोचना किया तो कुछ ने पसंद भी किया। पसंद करने वालों की संख्या आलोचना करने वालों से पचासो गुना ज्यादा थी तो #गुलेलन चच्चा की पोस्ट जारी रही। सुबह सुबह #गुलेलन चच्चा के तीखे सवाल से जहॉ व्यवस्था और पार्टी के कुछ लोग तिलमिला जाते तो बहुतेरे मुझे फोन कर इस तरह के सवाल उठाने के लिये प्रोत्साहित करते हुये शाबासी भी देते। बहुत सारे मित्रों ने #गुलेलन चच्चा को खोजने की भी कोशिश की।तो एक दो जनों ने #गुलेलन नाम पर ऐतराज जताया, मुस्लिम बंधुओं को यह नाम मुस्लिम तो हिन्दू मित्रों को इसमे तिरस्कृत हिन्दू की झलक मिली। पर #गुलेलन चच्चा इस हिन्दू मुस्लिम के पचड़े से दूर अपनी बेबाक राय देते रहे। इधर हाल मे फिर कुछ मित्रों ने #गुलेलन चच्चा के बारे मे जानने की ईच्छा और जिज्ञासा जाहिर किया तो मैने भी सोचा कि आज फुरसत मे #गुलेलन चच्चा के चरित्र को आप के समक्ष उजागिर कर ही देते हैं।
#गुलेलन चच्चा एक आम मध्यआयवर्गीय सामान्य जाति के भारतीय नागरिक है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से  बी.ए. करने के बाद उनकी नौकरी भारतीय जीवन बीमा निगम मे लग गई। तबियत से आरामपसंद और नीयत से ईमानदार इंसान #गुलेलन चच्चा १० से ५ की नौकरी करते हुये तीन साल पहले सहायक प्रशासनिक अधिकारी पद से सेवामुक्त हो कर आजकल अवकाशप्राप्त जीवन बिता रहे है। पूरी नौकरी मे ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर के सिद्धान्त पर चलते हुये दोस्तों के साथ कभी कभी चाय और खैनी शेयर करने वाले #गुलेलन चच्चा पिछली सदी के आखिरी साल जब ट्रांस्फर प्रमोशन ले कर बाबा भोलेनाथ की नगरी मे बनारस आये तो बाकी जिन्दगी यही काटने का निर्णय ले कर विभागीय आवासीय ऋण ले डेढ़ बिस्वा जमीन मे एक छोटा सा घरौंदा भी बनवा लिया। बाबा के आशीर्वाद से यहीं रह बच्चों को पढ़ाया लिखाया और बिटिया की शादी भी निबटा दी। बेटा प्राईवेट कालेज से समय और फैशन के अनुरूप बीटेक कर के कोई टेढ़े मेढ़े से नाम वाली मल्टीनेशनल कंपनी मे साफ्टवेयर इंजीनियर है,वो कुछ टीम हेड या ग्रुप हेड जैसे पद पर।#गुलेलन चच्चा ने जितना पैसा कभी एक साथ अपने बैंक एकाउंट मे देखा नही था उससे कहीं ज्यादा उसका एक महीने का सीटीसी है।#गुलेलन चच्चा बताते है कि ४०-४२ के पैकेज पर है अभी, उसकी एक टांग हैदराबाद मे तो दूसरी हमेशा उड़ते जहाज मे रहती है। अब बनारस मे रह गये #गुलेलन चच्चा और उनकी पत्नी तो दोनो मे दिन भर टीवी पर महादेव, सास बहू, ससुराल या आजतक और आर भारत देखने को लेकर चैनल बदलने व रिमोट लेने देने को ले कर टुन्न पुन्न लगी रहती है। #गुलेलन चच्चा डायबिटिक है तो पत्नी बीपी पेसेंट। बस इसी तरह ड्राइंगरूम से लेकर खाने से लेकर बतियाने तक का काम हाल मे लगे डाइनिंग टेबुल करते हुये जिन्दगी काढ़ा, टैब्लेट और नित्यम पर कट जा रही है।
#गुलेलन चच्चा की देशभक्ति (आप इसे मोदीभक्ति भी कहें तो कोई दिक्कत नही) मे कोई कसर नही पर कालोनी मे झाड़ू मारने वाले से लेकर सभासद मेयर विधायक डीएम कमिश्नर तक के कार्यप्रणाली से उन्हे संतुष्टि नही है। असंतोष तो उन्हे चीन अमेरिका नेपाल पाकिस्तान से भी है पर वे इन सारी बातों को अपनी पत्नी से साझा नही कर पाते। सुबह जब दूध लेने आते है तो वहॉ उनके जैसे कई वरिष्ठ नागरिक भी इसी मनोदशा और मनोव्यथा मे अपने अपने विचार रखते है। वहॉ पर दूध वाले यादव जी भी उन्हे नही टोंकते क्योंकि जब चर्चा जवान होती है तभी यादव जी भी बचपन से सिखाया हुआ जवानी मे प्रैक्टिस किया अपना निरामयी करतब का खेल दूध मे अकसर कर देते है और #गुलेलन चच्चा तथा बाकी लोग थन से निकले शुद्ध दूध के जुमले मे अपनी संतुष्टि पा जाते है। और #गुलेलन चच्चा जैसे लोग वही पर अपने विचारों को अभिव्यक्त कर के अपने को राष्ट्रीय विचारक समझते है। पर यह हर आम औ खास देशवासी नागरिक की ईमानदार अभिव्यक्ति होती है।
जिसे हम #गुलेलन चच्चा के बेबाक पोस्ट पर लिखते हैं।
शुक्रिया #गुलेलन चच्चा और उनके सभी चाहने वालों का।
(बनारस, ११जुलाई२०२०,शनिवार)
http://chitravansh.blogspot.com

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