बड़ी मुश्किल है : व्योमेश चित्रवंश की डायरी, 19 जून 2018
*बड़ी असमंजस सी हो गयी है...! आखिर किसको वोट दिया जाये, किसको नहीं !बेरोजगारी का आलम ऐसा है कि सोचने पर BJP से भरोसा उठ जाता है। और देश के बारे में सोचते हैं तो दूसरी पार्टियों से भरोसा उठ जाता है। त्रिपुरा में BJP की जीत पर वंदेमातरम के नारे लगे। अररिया में राजद की जीत पर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे। बेरोजगारी बर्दाश्त है, लेकिन पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा बर्दाश्त नहीं होता है। कमियां हर सरकार में होती है, पर सारी देशद्रोही ताकतों को भाजपा से इतनी नफरत देख भाजपा के साथ खड़ा रहने का इरादा और पक्का हो जाता है। राज ठाकरे से लेकर राहुल गांधी तक,चंद्रबाबू से लेकर शरद बाबू तक, येचुरी से लेकर अब्दुल्ला तक, लालू से लेकर अखिलेश तक, मायावती से लेकर ममता बनर्जी तक! सब नेता एक आदमी को हराने की मजबूरी के कारण एक साथ खड़े हो गए हैं। कुछ तो जरूर है बंदे में , तभी तो अपनी दुकान बचाने के चक्कर में पूरा बाजार ही रास्ते पर उतर आया है..!
(बनारस, 19 जून 2018, मंगलवार)
http://chitravansh.blogspot.com
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